एडवोकेट Sourabh Mishra: ज़रूरतमंदों और महिलाओं के लिए न्याय के सच्चे प्रहरी

Sourabh Mishra

पटना, बिहार — एडवोकेट Sourabh Mishra, जो पटना सिविल कोर्ट और मधुबनी जिला एवं सत्र न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हैं, आज गरीबों और विशेष रूप से महिलाओं के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान कर समाज में न्याय की नई मिसाल कायम कर रहे हैं।

एडवोकेट मिश्रा का मानना है कि न्याय सिर्फ ताकतवरों का विशेषाधिकार नहीं, बल्कि हर ज़रूरतमंद का हक़ होना चाहिए। इसी सोच के साथ वे गरीब और पीड़ित महिलाओं के लिए फ्री में आपराधिक केस लड़ते हैं। घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न या झूठे आरोपों से ग्रसित महिलाओं को उन्होंने न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।

आपराधिक मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले एडवोकेट मिश्रा अपने तेज दिमाग, मजबूत तर्कशक्ति और संवेदनशील दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। उनकी शैक्षणिक योग्यता भी अत्यंत प्रभावशाली है — उन्हें आपराधिक मनोविज्ञान और अपराध शास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त है, और उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

“न्याय हर व्यक्ति का अधिकार है, न कि किसी विशेष वर्ग का विशेषाधिकार,” यह कहना है एडवोकेट Sourabh Mishra का। उनके शब्द नहीं, बल्कि उनका कार्य इस विचारधारा को साकार करता है।

मुख्य विशेषताएं:

एडवोकेट Sourabh Mishra का बढ़ता हुआ नाम सिर्फ अदालत में जीत तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके न्याय को जन-जन तक पहुंचाने के मिशन के कारण है। वे बिहार के कानूनी क्षेत्र में एक प्रेरणास्रोत बन चुके हैं और उनके कार्य आशा की किरण हैं उन लोगों के लिए जो असमानता और अन्याय के खिलाफ लड़ रहे हैं।

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